Dr Aditi dev

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लेखनी प्रतियोगिता -02-Jun-2022

“जनता और नेता”

सबने बना रखा है जनता का मज़ाक़,
नेताओ ने पहन रखा है घुस खोरी का नक़ाब।

देश में कमी नहीं है भ्रष्टाचारियो की,
मिलावट हो रखी है सभी सामानों की।

नेताओ का है हर तरफ़ बोल बाला,
होता ना पैसे वालों का बाल भी बाँका।

खाते रिश्वत हर काम की सब यंहा,
कितनी चाहे जनता हो जाए तबाह।

बढ़ा के मोल दाल आटे का ,
बनाते मज़ाक नेता ग़रीबी का।

छू रहे पेट्रोल के दाम आसमान तक को,
मिलता ना खाना जनता को।

देके अपने ही वोटों की क़ुर्बानी
चुनती है जनता अपना ही भविष्य,

बिना कमीशन ना होते यंहा काम,
करती जनता फिर पैसों का इंतज़ाम।

दिखावे के देखो होते कितने दान,
फिर भी भूखी रह जाती जनता नादान।

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8 Comments

Tariq Azeem Tanha

03-Jun-2022 02:59 PM

बहुत ही सुन्दर

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Shrishti pandey

03-Jun-2022 02:57 PM

Nice

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Barsha🖤👑

03-Jun-2022 12:26 PM

Nice

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